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Saturday, May 15, 2010

ब्लॉगरों ने तो लगता है पी ली भांग है !

ब्लॉगरों ने तो लगता है पी ली भांग है ,
कुछ ठीक नहीं चल रहा सब उटपटांग है!
निकले तो हिंदी की दुर्दशा सुधारने को थे,
और खीच रहे बस एक-दूजे की टांग है!!

लिखने का मकसद क्या सिर्फ वोट है?
लगता है कि हिंदी में ही कही खोट है!
वरना क्यों हर एक साहित्य सेवक
बन गया आज मानसिक विकलांग है!!

अपनों से ही अगर हम कलेश लेंगे ,
फिर दूसरों को क्या ख़ाक सन्देश देंगे !
मिलजुलकर हिन्दी विकास पर ध्यान,
यही आज हम सब से वक्त की मांग है!!

ब्लॉगरों ने तो लगता है पी ली भांग है ,
कुछ ठीक नहीं चल रहा सब उटपटांग है!
निकले तो हिंदी की दुर्दशा सुधारने को थे,
और खीच रहे बस एक-दूजे की टांग है !!

31 comments:

'उदय' said...

... सटीक !!

ललित शर्मा said...

V.Nice

godiyal ji
Ram Ram

दिलीप said...

sahi kaha godiyaal sahab par hame to apna kaam karna hai...kuch log sudhar nahi sakte...wo bade log honge...hame to bas hindi aur desh ki seva karni hai...

M VERMA said...

अपनों से ही अगर तुम कलेश लोगे,
फिर दूसरों को क्या ख़ाक सन्देश दोगे!
सटीक और सुन्दर

AlbelaKhatri.com said...

behtareen.............

अजय कुमार झा said...

क्या सर ,
भांग के नाम पर ललचा के बुला लिया आपने और कित्ती कडवी कडवी नीम का शर्बत पिला दिया । चलिए सेहत के लिए बहुत ही अच्छा है ।

जी.के. अवधिया said...

"निकले तो हिंदी की दुर्दशा सुधारने को थे,
और खीच रहे बस एक-दूजे की टांग है!!"

ये टाँग खिंचाई ही तो असली हिन्दी ब्लोगिंग है।

कविता रावत said...

ब्लॉगरों ने तो लगता है पी ली भांग है ,
कुछ ठीक नहीं चल रहा सब उटपटांग है!
निकले तो हिंदी की दुर्दशा सुधारने को थे,
और खीच रहे बस एक-दूजे की टांग है !!
...sateek chintran...
Kuch logo ko yahi sab shayad achha lagta hai.... kuch hasil nahi hone wala ek dusare par chhita-kashi karne se..
Saarthak rachna ke liye dhanyavaad.....

अजय कुमार said...

सामयिक रचना

Mithilesh dubey said...

भाई वाह क्या कविता है , सहमत हूँ आपसे ।

वन्दना said...

bilkul sahi baat kahi hai
sabko sirf apni apni padi hai.

SANJEEV RANA said...

आजकल तो मानो सिर्फ ये ही रह गया हैं ब्लॉग जगत में

SANJEEV RANA said...

बिलकुल ठीक कहा आपने

SANJEEV RANA said...

बहुत बढ़िया

महेन्द्र मिश्र said...

सत्य वचन ...

पं.डी.के.शर्मा"वत्स" said...

एकदम खींच के मारा है गौदियाल जी....
ब्लागजगत माने भंगेडियों का जमावडा :-)

RAJNISH PARIHAR said...

ये टाँग खिंचाई ही तो असली हिन्दी ब्लोगिंग है।..सहमत हूँ आपसे .

Udan Tashtari said...

सही है..बंद होना चाहिये ये सब अब!

Kumar Jaljala said...

कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
पुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा

vikas mehta said...

godial kya khoob khi hai apne
raam ram

ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ said...

सही कहा आपने।
कैसे लिखेगें प्रेमपत्र 72 साल के भूखे प्रहलाद जानी।

Kumar Jaljala said...

कौन है श्रेष्ठ ब्लागरिन
पुरूषों की कैटेगिरी में श्रेष्ठ ब्लागर का चयन हो चुका है। हालांकि अनूप शुक्ला पैनल यह मानने को तैयार ही नहीं था कि उनका सुपड़ा साफ हो चुका है लेकिन फिर भी देशभर के ब्लागरों ने एकमत से जिसे श्रेष्ठ ब्लागर घोषित किया है वह है- समीरलाल समीर। चुनाव अधिकारी थे ज्ञानदत्त पांडे। श्री पांडे पर काफी गंभीर आरोप लगे फलस्वरूप वे समीरलाल समीर को प्रमाण पत्र दिए बगैर अज्ञातवाश में चले गए हैं। अब श्रेष्ठ ब्लागरिन का चुनाव होना है। आपको पांच विकल्प दिए जा रहे हैं। कृपया अपनी पसन्द के हिसाब से इनका चयन करें। महिला वोटरों को सबसे पहले वोट डालने का अवसर मिलेगा। पुरूष वोटर भी अपने कीमती मत का उपयोग कर सकेंगे.
1-फिरदौस
2- रचना
3 वंदना
4. संगीता पुरी
5.अल्पना वर्मा
6 शैल मंजूषा

पी.सी.गोदियाल said...

क्षमा चाहता हूँ श्रीमान , निस्नदेह पुरुष वर्ग में समीर जी का चयन अविवादित है ,और महिला वर्ग में पाँचों श्रेष्ठ महिला ब्लोगर है मगर मैं सेलेक्शन का क्रेतीरिया नहीं समझ सका ! जहां तक लेखन की श्रेष्ठता का सवाल है , निसंदेह ये पाँचों कंटेस्टेंट बहुत अच्छा लिखती है, मगर मैं बीसियों ऐसे महिला ब्लोगरों को भी जानता हूँ, जो बहुत ही बढ़िया लिखती है मसलन निर्मला कपिला , हरकीरत हकीर , रेखा श्रीवास्तव , इत्यादि (नाम याद नहीं आरहे ) हां अगर सिर्फ इन पांच महिला कंटेस्टेंट में से ही चुनने की बात है तो मैं निसंदेह अदा जी को चुनुँगा !

दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi said...

राजनीति का असर है, उन्हें वोट और इन्हें टिप्पणी की चाहत है।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक said...

सुन्दर और सटीक रचना!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सही दिशा में सही सन्देश देती रचना....

Arvind Mishra said...

क्या जबर्दस्त लिख मारा है .....

बवाल said...

एक एक आध जाम भाँग हमारे हिस्से भी आई होती सर जी।

डा० अमर कुमार said...


ऎसा नहीं है, मित्र !
कतिपय ब्लॉगर ही ऎसा कर रहे होंगे ।
प्रसँगतः मैं बतला दूँ कि, मैं श्री अमृतलाल नागर से मिल चुका हूँ, और बिना भाँग के सेवन के लिखने में तन्मय हो ही नहीं पाते थे ।
भाँग दोषी नहीं, तथाकथित नौसिखिये भँगेड़ी दोषी हैं ।

vikas mehta said...

godiyal jee
mafi chahta hoo pahle godiyal jee nhi likha tha

पी.सी.गोदियाल said...

vikash ji , sach kahun to isme koi buraa maanne kee baat hee nahee kyonki jaldee mein typing mistake ho jaatee hai aur ye aapkaa baddapan hai jo aapne punah aakar us truti par khed vykt kiyaa. aapkaa bahut-bahut dhanyvaad mehta sahaab !