My Blog List

Thursday, March 4, 2010

तस्सली है कुछ पल तो जी लिए !

(छवि गूगुल से साभार )
सिकवे जुबाँ पे आये जब, हम ओंठों को सी लिए ,
दिल से निकले जो अश्क थे, वो आँखों ने पी लिए!
जुल्म-ए-सितम छुपाये, न तुम्हे अपने गम दिखाए,
हर बात को सह गए, इक तेरी बात का यकीं लिए!!

खुशियों के कारवां गुजर गए, बीच राह में छोड़कर,
वो भी कहाँ तक चलते, संग अपने ऐसा बदनशीं लिए!
गले मौत भी लगा जाते, मरने के बहाने लाख थे,
गफलत में सही, तस्सली है कुछ पल तो जी लिए!!

1 comment:

संजय भास्कर said...

किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।