दोस्तों! पता नहीं ऐसा आप लोगो का दिल भी करता है अथवा नहीं, मगर मेरा दिल तो कभी-कभी मार खाने की भी ख्वाइशे पालता है ! :) खैर, अब वेलेंटाइन डे भी नजदीक आ रहा है, तो क्यों न आज कुछ नसीहते अपने युवा मित्रो को दे डालू ( नसीहत देने की पुरानी आदत जो है )
आ न जाना चक्कर में कभी किसी की चाल के
जीवन साथी तलाश रहे हो तो ज़रा-देख भाल के
बहेलिये खड़े छुपे है कई राह में, चारा डाल के
फांसने की ताक में बेताब फंदे उनकी जाल के
वैसे तो युवा तुम हो आजकल बड़े कमाल के
ध्यान रहे कि तुम भविष्य हो भारत विशाल के
चुन न लेना किसी को यूँ लालच में मॉल के
मिल जाए तो रखना उसे तुम ज़रा संभाल के
फिर पछताना ना पड़े बैठ के पहलू में काल के
भाग जाए जब कभी वो घर से बुर्का डाल के
राधे-राधे ! :)
Saturday, February 6, 2010
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13 comments:
पहले तो मेरी समझ में यह नहीं आता है .... की यह सेंट . वैलेंटाइन था कौन? इसका भारत से क्या लेना देना.... ? बिना मतलब में घुसपैठ कर गया यह मरदूद? सारे भारतवासिओं को सिटीयाबाज़ बना रहा है.... सब मौज लेने का बहाना है.... हमसे वैसे भी कोई नहीं पटती.... क्यूंकि हमारी हैंडसमनेस ही देख सब भाग जाती हैं..... और अपना गुस्सा राष्ट्रियतावादिता में ऐसा रंग हुआ है.... की सब भाग ही जाती हैं.... तो अपन इन सब चक्करों में आ ही नहीं पाते,.... हम तो पैदाइशी सुधरे हुए हैं....वैलेंटाइन डे पर मारते हैं गिरा गिरा के....
pta nhi desh me aajkal kon kon se day nye bnte ja rahe hai adhunikta ne hme andha kar diya hai
बहेलिये खड़े छुपे है कई राह में, चारा डाल के
फांसने की ताक में बेताब फंदे उनकी जाल के ..
बहुत खूब गौदियाल साहब .... ठाकरे के अंदाज़ में तो नही दे रहे नसीहत कहीं .........
वैसे तो युवा तुम हो आजकल बड़े कमाल के
ध्यान रहे कि तुम भविष्य हो भारत विशाल के
अच्छी नसीहत बहुत खूब्
अच्छे नसीहत अच्छे अंदाज है...
आ न जाना चक्कर में कभी किसी की चाल के
जीवन साथी तलाश रहे हो तो ज़रा-देख भाल के
वैसे तो युवा तुम हो आजकल बड़े कमाल के
ध्यान रहे कि तुम भविष्य हो भारत विशाल के
....
राधे-राधे ! :)
चुन न लेना किसी को यूँ लालच में मॉल के
मिल जाए तो रखना उसे तुम ज़रा संभाल के
अच्छी नसीहत दी है आपने...युवाओं को चाहिए की आपकी बात गाँठ बाँध कर रख लें...
नीरज
....इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के.........
१४ फेर्बरी का रंग अभी से उड़ाना शुरू कर दिया आपने........
बहुत सही नसीहत दी है गोदियाल साहब.
रामराम.
waah ! achchi nasihat di hai ab dekhna hai kitne mante hain.
राधे-राधे !
अब हमारे किस काम की यह नसीहतें फिर भी रख ही ली भाई मेरे जब इतनी प्यारी हैं तो. :) बांटने के काम आयेंगी.
बहुत अच्छी रचना। बधाई।
आपकी रचना बहुत सुन्दर है!
यह चर्चा मंच में भी चर्चित हुई है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/02/blog-post_5547.html
wah! ji wah! narayan narayan
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