सर्वप्रथम सभी मित्रो और दोनों तरह के शिव भक्तो ( असली और दिखलावटी ) को मेरी तरफ से महाशिवरात्री पर्व की बधाई और ढेरो शुभकामनाये !
आज इस पावन अवसर पर एक छोटा सा ख़त भोलेनाथ के नाम ;
भोलेनाथ;
अब ज्यादा भोले भी मत बनो !
मेरी हर बात को गौर से सुनो!!
अपने पूर्वजो से बहुत सूना था,
कि आपकी तीसरी आँख भी है!
और अपने इस भारत देश पर,
आपकी रहती तांक-झाँक भी है!!
मगर सच बताऊँ तो अपनी तो,
पैदाइसी वक्त से बुद्धि भी मंद है!
तीसरी की बात छोडो, लगता है,
आपकी तो दो आँखे भी बंद है !!
इस देश की यह हालत न होती,
अगर सचमुच ऐसी बात न होती !
चारो तरफ मचा हां-हाकार न होता,
दुर्जन को मिली ये सौगात न होती!!
ठेकेदार बना बैठा है, जो कल तक
बताता था खुद को आपका सेनापति!
आपका नाम बदनाम कर रहा है,
बुढापे में फिर गई है उसकी मति !!
गर तीसरी आँख रखते हो सच में,
तो कृपा करके अब उसे खोल दो !
"बम' बोलने का अब ज़माना गया,
शब्दों को नहीं, क्रिया को मोल दो !!
आपका एक भक्त - गोदियाल !
आज इस पावन अवसर पर एक छोटा सा ख़त भोलेनाथ के नाम ;
भोलेनाथ;
अब ज्यादा भोले भी मत बनो !
मेरी हर बात को गौर से सुनो!!
अपने पूर्वजो से बहुत सूना था,
कि आपकी तीसरी आँख भी है!
और अपने इस भारत देश पर,
आपकी रहती तांक-झाँक भी है!!
मगर सच बताऊँ तो अपनी तो,
पैदाइसी वक्त से बुद्धि भी मंद है!
तीसरी की बात छोडो, लगता है,
आपकी तो दो आँखे भी बंद है !!
इस देश की यह हालत न होती,
अगर सचमुच ऐसी बात न होती !
चारो तरफ मचा हां-हाकार न होता,
दुर्जन को मिली ये सौगात न होती!!
ठेकेदार बना बैठा है, जो कल तक
बताता था खुद को आपका सेनापति!
आपका नाम बदनाम कर रहा है,
बुढापे में फिर गई है उसकी मति !!
गर तीसरी आँख रखते हो सच में,
तो कृपा करके अब उसे खोल दो !
"बम' बोलने का अब ज़माना गया,
शब्दों को नहीं, क्रिया को मोल दो !!
आपका एक भक्त - गोदियाल !
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