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Thursday, February 25, 2010

दासता का दंश !







(छवि HT नेट से साभार)

Chronic hunger kills 50 in Orissa district

हर बात पर गाली सजाना, और जी हजूरी कर ताली बजाना,
लम्बी दासता की बेड़ियाँ हमको, बस दो ही गुर सिखा गई।

'माय बाप' को तो छोडिये, अब 'माय माँ' भी हावी हो रही,
'माय बाप' फूट का हल लगा गया, 'माय माँ' बीज बो रही।

भेड़ो के झुण्ड को राह,अपना अनुसरण करने की दिखा गई
लम्बी दासता की बेड़ियाँ हमको, बस दो ही गुर सिखा गई।

भौंतिक सुख के आकांक्षी, रखा न ध्यान आत्मसम्मान का,
बस तालियाँ बजा-बजाकर, गीत गा रहे उनके गुणगान का।

युग दर युग गुलाम बनकर रहना किस्मत में लिखा गई,
लम्बी दासता की बेड़ियाँ हमको, बस दो ही गुर सिखा गई।

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