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Monday, April 19, 2010

एक नालायक पुत्र की पिता को सलाह !


अपनों में ढूंढो,
बेगानों में ढूंढो,
चमन में ढूंढो,
वीरानो में ढूंढो,
पहाड़ों में ढूंढो,
मैदानों में ढूढो,
फ्लैटों में ढूंढो,
मकानों में ढूंढो,
शमाओ में ढूंढो,
परवानो में ढूंढो,
आशिकों में ढूंढो,
दीवानों में ढूंढो,
इस दौर में ढूंढो,
जमानों में ढूंढो,
मगर मेरे बाप !
इस तरह तुम
हाथ पर हाथ
धरे मत बैठो,
ये सदा मेरी
अंतरात्मा से
आ रही है !
क्योंकि,
तुम्हारे बेटे की
शादी की उम्र,
हाथ से निकले
जा रही है !!

20 comments:

जी.के. अवधिया said...

हा हा हा हा

गोदियाल साहब, मैट्रिमॉनियल साइट्स में भी ढुँढवायेगा। हम भी एक मुफ्त मैट्रिमॉनियल साइट बना रहे हैं "रिश्ते", जरा झाँक कर यहाँ भी देखियेगा।

ajit gupta said...

किसके बेटे की उम्र निकल गयी?

पी.सी.गोदियाल said...

Thats gr8 ! अवधिया साहब , अपने शुरू में अपना ही रजिस्ट्रेशन कर डाला वहाँ पर :)

kunwarji's said...

ji humaare liye to humaare gharwalo ne hi doondh li thi!
3 saal pehle...

kunwar ji,

परमजीत सिँह बाली said...

अरे! भाई..बाप को क्यो दॊष देते हो।.....बेटा ही नालयक होगा!!वैसे भी अब १००० लड़को के पीछे मात्र ८५७ के करीब लड़कीयां रह गई हैं.....शादि कैसे होगी....?? :))

महेन्द्र मिश्र said...

अपनों में अपनों को ढूढो वाह गोदियाल साहब आभार

Shekhar Kumawat said...

bahut khub



shekhar kumawat


http://kavyawani.blogspot.com

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जगह तो बहुत सारी बता दिन ढूँढने के लिए पर आज कल की लड़कियां नालायक के हत्थे नहीं चढती ...

बहुत खूब लिखा है

वन्दना said...

हा हा हा………………………अच्छी सलाह है।

Hapi said...

hello... hapi blogging... have a nice day! just visiting here....

संजय बेंगाणी said...

बेटी बचाओ वरना ढूंढते रह जाओगे. फिर बेटियाँ आजकल सयानी हो गई है. नालायकों की आफत हो गई है :)

दिगम्बर नासवा said...

सही फटकार लगाई है गौदियाल जी नालायक बेटे को .... अच्छा लिखा है ..

राज भाटिय़ा said...

sangeeta swarup जी की बात से सहमत है,शुक्र है हमारा सही समय पर लगन हो गया... नही तो बाप बेटा मिल कर अपनी अपनी ढुढते....:)

M VERMA said...

यकीन हो गया आप यह काम भी बखूबी निभा सकते है
मजेदार

संगीता पुरी said...

वाह !!

संजय भास्कर said...

बहुत खूब लिखा है

सुलभ § Sulabh said...

ढूंढो bhai ढूंढो!

दीपक 'मशाल' said...

sahi hai Godiyaal sir.. is tarah kahenge to dhoondhna hi padega.

E-Guru Rajeev said...

का करें मिलती ही नहीं और यदि मिल गयी तो कुंडली नहीं मिलती.
कुंडली मिल गयी तो सूरत रास नहीं आती.
लड़की को लड़का पसंद नहीं.
बड़ी ही आफत है भाई जी.

Vivek Rastogi said...

हा हा बहुत शानदार !!!!

जब हमारी भी शादी की उम्र हो गई थी तो हम रोज सुबह गाना जोर आवाज में बजाते थे -

"मेरी शादी करवा दो"