अपनों में ढूंढो,
बेगानों में ढूंढो,
चमन में ढूंढो,
वीरानो में ढूंढो,
पहाड़ों में ढूंढो,
मैदानों में ढूढो,
फ्लैटों में ढूंढो,
मकानों में ढूंढो,
शमाओ में ढूंढो,
परवानो में ढूंढो,
आशिकों में ढूंढो,
दीवानों में ढूंढो,
इस दौर में ढूंढो,
जमानों में ढूंढो,
मगर मेरे बाप !
इस तरह तुम
हाथ पर हाथ
धरे मत बैठो,
ये सदा मेरी
अंतरात्मा से
आ रही है !
क्योंकि,
तुम्हारे बेटे की
शादी की उम्र,
हाथ से निकले
जा रही है !!
20 comments:
हा हा हा हा
गोदियाल साहब, मैट्रिमॉनियल साइट्स में भी ढुँढवायेगा। हम भी एक मुफ्त मैट्रिमॉनियल साइट बना रहे हैं "रिश्ते", जरा झाँक कर यहाँ भी देखियेगा।
किसके बेटे की उम्र निकल गयी?
Thats gr8 ! अवधिया साहब , अपने शुरू में अपना ही रजिस्ट्रेशन कर डाला वहाँ पर :)
ji humaare liye to humaare gharwalo ne hi doondh li thi!
3 saal pehle...
kunwar ji,
अरे! भाई..बाप को क्यो दॊष देते हो।.....बेटा ही नालयक होगा!!वैसे भी अब १००० लड़को के पीछे मात्र ८५७ के करीब लड़कीयां रह गई हैं.....शादि कैसे होगी....?? :))
अपनों में अपनों को ढूढो वाह गोदियाल साहब आभार
bahut khub
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com
जगह तो बहुत सारी बता दिन ढूँढने के लिए पर आज कल की लड़कियां नालायक के हत्थे नहीं चढती ...
बहुत खूब लिखा है
हा हा हा………………………अच्छी सलाह है।
hello... hapi blogging... have a nice day! just visiting here....
बेटी बचाओ वरना ढूंढते रह जाओगे. फिर बेटियाँ आजकल सयानी हो गई है. नालायकों की आफत हो गई है :)
सही फटकार लगाई है गौदियाल जी नालायक बेटे को .... अच्छा लिखा है ..
sangeeta swarup जी की बात से सहमत है,शुक्र है हमारा सही समय पर लगन हो गया... नही तो बाप बेटा मिल कर अपनी अपनी ढुढते....:)
यकीन हो गया आप यह काम भी बखूबी निभा सकते है
मजेदार
वाह !!
बहुत खूब लिखा है
ढूंढो bhai ढूंढो!
sahi hai Godiyaal sir.. is tarah kahenge to dhoondhna hi padega.
का करें मिलती ही नहीं और यदि मिल गयी तो कुंडली नहीं मिलती.
कुंडली मिल गयी तो सूरत रास नहीं आती.
लड़की को लड़का पसंद नहीं.
बड़ी ही आफत है भाई जी.
हा हा बहुत शानदार !!!!
जब हमारी भी शादी की उम्र हो गई थी तो हम रोज सुबह गाना जोर आवाज में बजाते थे -
"मेरी शादी करवा दो"
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