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Friday, November 20, 2009

भई, अपनी तो जिन्दगी मस्त है !


सुबह उठकर,
नहा -धो के नाश्ता किया,
झोला कांधे पे लटकाके,
मंझे पत्रकार की शैली में
टा-टा करके घर को !
निकल पड़ता हूँ दफ्तर को !!
दफ्तर पहुँच आँखों को
एक अलोकिक सुख की
अनुभूती होती है,
क्योंकि अपने
दफ्तर के रिसेप्शन की
साज-सज्जा ही कुछ ऐसी जबरदस्त है!
भई, अपनी तो जिन्दगी मस्त है !!

दफ्तर की पहली चाय के साथ,
कंप्यूटर खोला और लगे टिपियाने,
कुछ जो रात का लिखा था,
उसे अपने ब्लॉग पर डाला !
तभी कभी-कभार राउंड पे
आ टपक पड़ता है लाला !!
पहले से एक फाइल खोले रखता हूँ,
और झट से लैटर बनाने लगता हूँ ,
भले ही पत्र का
मैटर कोई याद नहीं,
मगर उल्लू बनाने में
मैं भी कम उस्ताद नहीं,
उसके बाद तो समझो,
बॉस ही काम के बोझ तले पस्त है !
भई, अपनी तो जिन्दगी मस्त है !!

सांझ ढले घर पहुंचा,
तो रोज एक सी ही रहती है दिनचर्या,
क्योंकि है भी नहीं कोई और जरिया,
बेटा अपना मस्त रहता है कुड़ियों में !
बेटी, ताना-बाना बुनती है गुड्डे-गुड़ियों में !!
बीबी, किचन में झूमती है आई-पोड में,
बूढी मम्मी मग्न रहती है अपने गौड़ में,
मैं भला किसके संग मन बहलाऊ अपनी रेंज में !
खुद ही गुम हो जाता हूँ, दो पैग रोंयल चैलेन्ज में !!
टीवी पे एक ऐड देखा था कि
सिर्फ चार हजार में रोंयल पेंट लगाओ
और पूरा का पूरा घर रंगीन पाओ,
मैं तो कहूँ कि
अरे छोडो ये बाते सारी,
भाड़ में गई दुनियादारी,
वो करो कि हर चीज तुम्हे भायेगी !
चार सौ की रोंयल चैलेन्ज लाओ,
पूरी दुनिया ही रंगीन नजर आयेंगी !!
महंगाई से दुनिया भले ही त्रस्त है !
पर भई, अपनी तो जिन्दगी मस्त है !!

18 comments:

राज भाटिय़ा said...

चार सौ की रोंयल चैलेन्ज लाओ,
पूरी दुनिया ही रंगीन नजर आयेंगी !!
वाह जी वाह जबाब नही आप की मस्ती का
धन्यवाद

Arvind Mishra said...

जी सचमुच बहुत कारगर फार्मूला है !

जी.के. अवधिया said...

क्या बात है गोदियाल साहब! कहीं आज रात के बदले शाम से ही तो नहीं पैग चढ़ाना शुरू कर दिया?

हमारा भी यही ब्रांड है जी!

संगीता पुरी said...

मजेदार !!

अर्शिया said...

और मस्त रहनी भी चाहिए।
--------
क्या स्टारवार शुरू होने वाली है?
परी कथा जैसा रोमांचक इंटरनेट का सफर।

वाणी गीत said...

क्योंकि अपनेदफ्तर के रिसेप्शन की
साज-सज्जा ही कुछ ऐसी जबरदस्त है....!
सचमुच रिसेप्सन की ही ना ....

निर्मला कपिला said...

मस्त रहिये शुभकामनायें

दिगम्बर नासवा said...

KYA MASTI HAI JANAAB ... AAPKI RACHNA BAHUT ACHEE LAGI ........

BrijmohanShrivastava said...

बहुत दिन बाद ऐसा लगा कि कुछ मस्त पढा ,बहुत बहुत ही सुन्दर । यूं की..... मजा आ गया जिन्दगी का

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक said...

आपकी दिनचर्या बहुत बढ़िया रही!

शरद कोकास said...

ये लाइफ बडी है मस्त मस्त " किस किस को हंसिये किस किस को रोइये आराम बड़ी चीज है मुह ढंक के सोइये ।

मनोज कुमार said...

इसे पढ़ने के बाद लगा कि मैं एक सदाबहार उत्तेजना महसूस कर रहा हूं।

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

रोंयल चैलेन्ज लाओ,
पूरी दुनिया ही रंगीन नजर आयेंगी !!

रंगीन और खुशमिजाज .... बिलकुल मस्त |

अजय कुमार said...

रायल चैलेंज का ऐसा प्रचार ,अब तो विजय माल्या जी आपको अपने एयरलाइंस का फ़्री पास जरूर भेजेंगे

संजय भास्कर said...

बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
ढेर सारी शुभकामनायें.

संजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
Email- sanjay.kumar940@gmail.com

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक said...

"निष्पक्ष खबरे और रिश्तेदारी!"

यह पोस्ट कहाँ गई?
हटा दी है क्या?

पी.सी.गोदियाल said...

हाँ शाश्त्री जी, कुछ वजह थी !

पं.डी.के.शर्मा"वत्स" said...

:))
भई, आपकी जिन्दगी तो बडे मजे में कट रही है :)