इधर जोर-शोर से
तैयारियां चल रही थी,
फाइनल टचिंग की,
सरकारी स्तर पर !
और उधर, खेल गाँव में
सांप जी लेटे थे,
एक अफ्रीकी
ऐथेलीट के बिस्तर पर !!
अफ्रीकी ऐथेलीट
उसे देखकर बोला,
ये तो भैया मेरे साथ
सरासर रंग-भेद है !
मुझे भी लगता है
कि अबके इस
कॉमन वेल्थ के खेल में
कोई बड़ा छेद है !!
रूम अटेंडेंट दौड़ा-दौड़ा
उसके पास जाकर बोला,
चुपकर, अबके अद्भुत
ये खेल निराले है !
पांच साल में ७००००
करोड़ रूपये खर्च कर ,
हमने सांप और
संपेरे ही तो पाले है !!
Thursday, January 20, 2011
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