काश कि
अगर मैं भी,
अपने ही कुनवे में
हर खिलाड़ी की तरह,
खिलाड़ी न आम होता !
इस देश के
क्रिकेटरों की तरह,
आज कौमियत की
किसी आईपीएल मंडी में,
मैं भी नीलाम होता !!
बोलियाँ लगती बड़ी-बड़ी,
इंसानियत तकती खडी-खडी,
धन-कुबेर दर खट-खटाता !
खुश होता गर,
मै भी
अच्छे भाव बिक जाता !!
आज, चूँकि जब
इंसान का हर ऊसूल,
घन-कुबेर पर ही
टिका हुआ है !
इसीलिये तो,
समूचे कुनवे का
मुखिया भी बिका* हुआ है !!
* एक इटालियन के हाथों
Friday, January 21, 2011
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