सर्वप्रथम सभी मित्रों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाये !
तजुर्बों से ही दुनिया सीखती है अक्सर,
बड़े इत्मिनान से उन्होंने हमें बताई ये बात !
और हम थे कि हमें यह भी मालूम न था कि
रात के बाद दिन निकलता है या दिन के बाद रात !!
सितम बहुत सहे है हमने इस जमाने के,
ख्वाब देखते है अब तो चाँद के पार जाने के !
इसरो, नासा वालों यान फटाफट बनाओ ,
ये बेदर्द जहां अब और रहने के काबिल न रहा !!
और अंत में ये पंक्तियाँ आजकल ब्लॉग-जगत से गुम, महफूज भाई की खिदमत में ;
थी नहीं महफूज मुहब्बत उनकी इस शहर में,
अजब जुल्मो-सितम उन्होंने जमाने के सहे है !
इसलिए छोड़कर सब ब्लॉग्गिंग- स्लोग्गिंग, जनाव
आजकल तकदीर बनाने को उनके शहर गए है !!
Wednesday, March 24, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
11 comments:
रात के बाद दिन निकलता है या दिन के बाद रात !!'
और फिर प्रश्न तो वही
अंडे से मुर्गी है या मुर्गी से अंडा
बहुत खूब लेकिन वर्मा जी की बात बिल्कुल वाजिब है
थी नहीं महफूज मुहब्बत उनकी इस शहर में,
अजब जुल्मो-सितम उन्होंने जमाने के सहे है !
इसलिए छोड़कर सब ब्लॉग्गिंग- स्लोग्गिंग, जनाव
आजकल तकदीर बनाने को उनके शहर गए है !!
ये बात तो 16 आने सच कही है………………हा हा हा।
राम नवमी की शुभकामनायें।
:)
राम नवमी की शुभकामनायें।
तजुर्बों से ही दुनिया सीखती है अक्सर,
बड़े इत्मिनान से उन्होंने हमें बताई ये बात !
और हम थे कि हमें यह भी मालूम न था कि
रात के बाद दिन निकलता है या दिन के बाद रात !!
बहुत इत्मिनान से आपकी बात गाँठ बाँध ली है!
और हम थे कि हमें यह भी मालूम न था कि
रात के बाद दिन निकलता है या दिन के बाद रात !!
अजी इतना बड़ा ज्ञानी तो कोई भी नहीं ।
महफूज़ वाला बढ़िया रहा ।
आप को रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
रात के बाद दिन निकलता है या दिन के बाद रात .... अजी निकलना चाहिये कुछ भी निकले,
आपको भी शुभकामनायें ।
आज तो एकदम नया अंदाज है। बहुत अच्छा है, बधाई।
बढ़िया रचना है . महफूज भाई जल्दी प्रगट होने वाले हैं जोरो से उनकी तलाश की जा रही है ..
गोंदियल साहब
गहरी बात कह दी आपने
तजुर्बों से ही दुनिया सीखती है अक्सर,
बड़े इत्मिनान से उन्होंने हमें बताई ये बात !
मेरे महफूज़ भाई का पता लगवाइए गुमसुदी का रिपोट लिखवाइए ..कुछ भी कीजिए उनको वापस लाइए..
Post a Comment