कमवक्त दिल ने तो
ताउम्र,एक ही बार,
बस एक ही
चाहत माँगी थी,
इश्क का भूत
कहीं दिल में जगा।
ट्विटर पर
ट्विट्ट करते-करते
इक हसीना से जा लगा॥
वो मुझसे करती
खूब ट्वीट थी,
बाते भी उसकी
बड़ी स्वीट थी।
जब रहा न गया
तो लिख भेजा कि
ऐ हुस्न की मल्लिका!
हम तुम्हारे चेहरे का
दीदार करना चाहेंगे,
कोई उपाय बताइये ?
जबाब आया,
जनाब "फेसबुक"पर आइये॥
बस,आज की
संचार तकनीकी को कोसते हुए
दिल मसलकर रह गए!!
Saturday, September 18, 2010
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3 comments:
हा हा हा बहुत खूब। धन्यवाद।
vaah bahut khoob byaan kiya... sach kehne ki himmat bahut khoob...
loksangharsh blog ki pehli post par dhyan dein
http://loksangharsha.blogspot.com/2009/03/loksangharsha.html
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