एक बार पुन: सभी को नववर्ष की मंगलमय कामनाये ! चलो नए साल की शुरुआत की जाये इस भोंडी सी गजल के साथ;
ठण्ड पूछती है कुर्ते से, तू पुलओवर क्यों हुआ,
अरुणोदय को निहारना इतना, सोबर क्यों हुआ !
इस शरद-ऋतु में नव-वर्ष की प्रथम बेला पर,
दिल्ली का जर्रा-जर्रा,फौगी से फौगर क्यों हुआ !
जश्न-ए-शाम पी तो हमने भी सलीके से ही थी,
नहीं मालूम यह कमबख्त, हैंग ओवर क्यों हुआ !
झेल पाने को देह इसकदर भी, बूढ़ी न थी अभी,
फिर ये भरोसे का स्तर इतना, लोअर क्यों हुआ !
'लिंग-भेद'की नोकझोक देख,यहाँ साहित्य पूछता है
'गोदियाल',तू साहित्यकार ही ठीक था,ब्लॉगर क्यों हुआ !
Thursday, December 31, 2009
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29 comments:
झेल पाने को देह इसकदर भी, बूढ़ी न थी अभी,
फिर ये भरोसे का स्तर इतना, लोअर क्यों हुआ !
kya baat kehdi hai! godiyalji,English kafiyo ka prayog bhi achchha laga.
सुन्दर रचना!
आप तथा आपके परिजनों के लिये नववर्ष मंगलमय हो!
Blogar hue to kya hua. Insan se to achche hue. Aap bata sake aur hum samajh sake. Insan ka kya. na vo samjha saka aur na hum samajh sake. Aap ko nav varsh ki shubhkamnae bhai......
सुंदर रचना .. आपके और आपके परिवार के लिए नववर्ष मंगलमय हो !!
जश्न-ए-शाम पी तो हमने भी सलीके से ही थी,
नहीं मालूम यह कमबख्त, हैंग ओवर क्यों हुआ !
वाह ... सुन्दर रचना
आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
सुख आये जन के जीवन मे यत्न विधायक हो
सब के हित मे बन्धु! वर्ष यह मंगलदयक हो.
(अजीत जोगी की कविता के अंश)
सुन्दर रचना!
आप तथा आपके परिजनों के लिये नववर्ष मंगलमय हो!
एक अच्छी रचना के साथ नववर्ष की बढिया शुरूआत..
आपको सपरिवार इस नूतनवर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!!
लिंग-भेद'की नोकझोक देख,यहाँ साहित्य पूछता है
'गोदियाल',तू साहित्यकार ही ठीक था,ब्लॉगर क्यों हुआ !
गोदियाल जी तन्ने तो नये साल का एटम बम सा फ़ोड़ दिया, बढिया करया जो साहितकार के साथ ब्लागर जोड़ दिया, नए साल की राम-राम,
नव वर्ष की हार्दिक बधाई।
लिंग-भेद'की नोकझोक देख,यहाँ साहित्य पूछता है
'गोदियाल',तू साहित्यकार ही ठीक था,ब्लॉगर क्यों हुआ !
सुन्दर व उम्दा रचना ।
हाँ जी ब्लॉगर काहे हुए. हैंग-ऑवर में कविता भी लिखी जा सकती है! खूब लिखी सा'ब.
नव वर्ष की शुभकामनाएं.
बहुत ख़ूब !
नूतनवर्ष की हार्दिक शुभकामनाऎँ...
जश्न-ए-शाम पी तो हमने भी सलीके से ही थी,
नहीं मालूम यह कमबख्त, हैंग ओवर क्यों हुआ !
नए साल का स्वागत खूब गर्मजोशी से किया है, वाह गोदियाल जी।
नया साल एक नयी आशा लेकर आता है ।
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
सादर।
डॉ दराल
वाह गोदियाल साहब, क्या अंदाजे बयान है.
दर्द की भी ना मालूम कितनी जुबान है
ये लीजये एक डिजाइनर बधाई.
/""/_/""/
/_/""/_/appy
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\'" \/"' /
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/_ /ear 2010
ऊपर से एक हिंगलिश कविताई -
एक साहित्यकार दूजा ब्लोगर
बनी है जिंदगानी ट्राई-ब्रेकर
- सुलभ जायसवाल 'सतरंगी'
जश्न-ए-शाम पी तो हमने भी सलीके से ही थी,
नहीं मालूम यह कमबख्त, हैंग ओवर क्यों हुआ !
सुबह को उतारा जो चाहिए :)
आपको तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
क्या मस्ती में लिखते हैं आप!
भई वाह,
क्या बात है!
न आलोचना की चिंता न समीक्षकों का भय
अपने शब्द,
अपने रंग और
अपनी मस्ती में...
बिंदास...!
आप बड़े जिंदा दिल इंसान मालूम होते हैं.
नव वर्ष मंगलमय हो।
मस्त गजल कही आपने । मजा आ गया । (
नव वर्ष की शुभकामनाऍं ।
Naye sal ki pehli post me bhi chutki lene se baaz nhi aaye aap....
नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित
आपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे।
अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें।
आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ
डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
जय-जय बुन्देलखण्ड
पी सी भैया एक प्रश्न था आप से।
आपने आज इतनी ख़ूबसूरत बात कह कर हमारा दिल क्यों जीत लिया भला ?
मंसूर चचा से पूर्णत: सहमत।
सुन्दर बात!
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
आपको नव वर्ष की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें ।
आपको नव वर्ष की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें ।
गोदियाल जी ,
ब्लॉगर न बनते तो आप हमें कहाँ मिलते ?
हैंग वोअर बना रहे ,सुरूर जारी भी :)
नए साल की बहुत सारी बधाईयाँ !
झेल पाने को देह इसकदर भी, बूढ़ी न थी अभी,
फिर ये भरोसे का स्तर इतना, लोअर क्यों हुआ !
बहुत ही सुन्दर लेखन के साथ नववर्ष के लिये ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनायें ।
लिंग-भेद'की नोकझोक देख,यहाँ साहित्य पूछता है
'गोदियाल',तू साहित्यकार ही ठीक था,ब्लॉगर क्यों हुआ !...
वाह कहाँ पर निशाना मारा है ......... मज़ा आ गया ....... देरी से आने के लिए क्षमा चाहता हूँ ....... पिछले ६ दीनो से बाहर गया हुवा था ......... आपको नव वर्ष की बहू बहुत शुभकामनाएँ ..........
गोदियाल जी ,
ब्लॉगर न बनते तो आप हमें कहाँ मिलते ?
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