
कली ने कांटे से कहा तू फूल है,
कांटे ने कहा यह तेरी भूल है !
लाख मगर कोई कोशिश कर ले,
वो फूल नहीं बन सकता जो शूल है !!
फूल तो जाकर कलियाँ बनती है,
भंवरा मंडराए इसलिए बन-ठनती है !
प्रहरी बनके रहना कांटे का असूल है,
वो फूल नहीं बन सकता जो शूल है !!
फूलों की किस्मत में महकना लिखा है,
हमारी किस्मत में बस तकना लिखा है !
जो तुम्हे छूने लगे उसे डसना ही उसूल है,
वो फूल नहीं बन सकता जो शूल है !!
कली बोली, तेरे मुह लगना ही मेरी भूल है,
यह नहीं जानता कि आज अप्रैल फूल है !
खैर, तुझ से झख मारना ही फिजूल है,
तू फूल नहीं बन सकता, तू तो शूल है !!
कांटे ने कहा यह तेरी भूल है !
लाख मगर कोई कोशिश कर ले,
वो फूल नहीं बन सकता जो शूल है !!
फूल तो जाकर कलियाँ बनती है,
भंवरा मंडराए इसलिए बन-ठनती है !
प्रहरी बनके रहना कांटे का असूल है,
वो फूल नहीं बन सकता जो शूल है !!
फूलों की किस्मत में महकना लिखा है,
हमारी किस्मत में बस तकना लिखा है !
जो तुम्हे छूने लगे उसे डसना ही उसूल है,
वो फूल नहीं बन सकता जो शूल है !!
कली बोली, तेरे मुह लगना ही मेरी भूल है,
यह नहीं जानता कि आज अप्रैल फूल है !
खैर, तुझ से झख मारना ही फिजूल है,
तू फूल नहीं बन सकता, तू तो शूल है !!
12 comments:
वाह क्या कूल है? यही जमाने का रूल है।
वो फूल नहीं बन सकता जो शूल है !
यह विचार बड़ा कूल है.
waah waah...........bahut sundar bhaav.
बहुत बढिया !!
bahut badhiya
तू फूल नहीं बन सकता, तू तो शूल है !!
वाह साब बहुत खूब लिखा है की फूल तो आगे कलियाँ बन जाती है और भवरे मंडराते है ... ये प्रकृति का नियम हैं ... बहुत बढ़िया रचना आभार.
गोदियाल जी,कमाल कर दिया आपने भी!नया बच्चा था,माफ़ कर देते तो क्या चला जाता आपका!और सरकार को खुश कर देते आज तो,अप्रैल फूल बनाने के लिए ही सही,आज तो सच्चाई छुपा लेते.....
इस नाचीज़ की हौसलाफजाई के लिए आभार वयक्त करते है जी आपका!
कुंवर जी,
गोदियाल जी,माफ़ी चाहूँगा,
उधर वाला कमेन्ट गलती से इधर आ गया!
कुंवर जी,
तू फूल नहीं बन सकता, तू तो शूल है !!
मज़ाक मज़ाक में बात तो अच्छी कह दी।
कली बोली, तेरे मुह लगना ही मेरी भूल है,
यह नहीं जानता कि आज अप्रैल फूल है !
खैर, तुझ से झख मारना ही फिजूल है,
तू फूल नहीं बन सकता, तू तो शूल है
ये सही है शूल तो शूल ही रहेगा ... पर कॅली की रक्षा भी तो वही करेग ...
बहुत सही!
आज मूर्ख दिवस मनाने में इतना व्यस्त रहा कि कहीं किसी ब्लॉग पर जाना हुआ नहीं यद्यपि दिवस विशेष का ख्याल रख यहाँ चला आया हूँ और आकर अच्छा लगा. धन्यवाद!!
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