नित बढ्ती जरुरतों,
थकान और मानसिक तनावों
के मध्यनजर,
यह जरूरी हो गया,
यहां हर पुरुष के लिये,
कि उसके पास
कम से कम
पांच बीबियां हों,
उसकी मदद के लिये,
एक खाना खिलाये,
एक कपडे धोये,
एक घर संभाले,
एक बच्चे संभाले,
एक हर वक्त
उसके साथ रहकर,
उसकी मदद करे,
जब वो काम से थक जाये,
उसके हाथ-पैर दबाये,
इसलिये कम से कम पांच तो होनी चाहिये ही, ये उनका मत है !
मगर पुरुष,
कानून से डरता है ,
क्योंकि अपना कानून
एक से ज्यादा रखने की
मनाही करता है,
वह अब सोचता है कि
कानून की नजरों मे
धूल कैसे झोंकी जाती है,
पांचो बीबियां एक जैसी हों,
बाकी चार ने तो
घर पर ही रहना है,
बाहर साथ तो सिर्फ़ एक जाती है,
इसलिये जनाव आजकल “क्लोनिंग-शास्त्र” मे अध्ययनरत है !!
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Thursday, January 21, 2010
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10 comments:
भाभीजी की पोस्ट पीछे पीछे आती ही होगी, पति की क्लोनिंग :)
"यह जरूरी हो गया,
यहां हर पुरुष के लिये,
कि उसके पास
कम से कम
पांच बीबियां हों,"
भाई गोदियाल जी, एक से ही निबटना मुश्किल है यहाँ पर और आप पाँच की बात कर रहे हैं, हमें तो बख्श ही दीजिये।
आप अपने कदम बहकाने का रस्ता बना रहे हैं
Ha ha ha ha...patniyan bhi isi tarah pati ki cloning karane lage to ??????
बीबियाँ या बाँदियाँ?
घुघूती बासूती
हम तो आपकी हां मे हां मिलाने वाले ही थे कि उपर संजय बेंगाणी जी टिप्पणी पर नजर पड गई और हमको हमारा चंद्रमा दिख गया तो अब आपसे सहमत होकर हमें हाथ पैर नही तुडवाने.:)
रामराम.
गौदियाल जी, आप तो ऎसे न थे...या फिर हम ही आपको समझने में भूल करते रहे :)
कहीं क्लोनिंग शास्त्र पत्नियों ने व्यवहार में ला दिया तो ?
:)
Please , Dont do this type . Bhabhi ji naraj ho jayengi
Aur Ranjana Ji ne sahi kaha hai
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