आज सुबह, जब घर से बाहर आया था,
तो देखा, चहु ओर घना कुहरा छाया था !
ऐसे में मैंने देखा कि गली में सामने से
पड़ोसी मिश्रा जी इधर से उधर आ रहे थे,
अपनी बिल्डिंग को पड़ोसन की बिल्डिंग से
एक लाल धागे से बार-बार बांधे जा रहे थे !
कौतुहलबश मैंने भी हिला दिए अपने लिप्स !
जबाब में वे बोले, उनके राशिफल में लिखा है;
दिस इज अ गुड डे फॉर "बिल्डिंग रिलेशनशिप्स" !!.
Thursday, January 7, 2010
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21 comments:
गुड रिलेशनशिप
हा हा हा
एक लाल धागे से भविष्य फ़लित हो गया
ha ha ha
मजेदार
:)
ओहोहो...कमाल का तरीका निकाला रिलेशन शिप बिल्ड करने का.:) बहुत जोरदार.
रामराम.
भईया बनारस तो नहीं पहुच गयें थे आप ।
गोदियाल जी मै ही तो था जो प्रीत की डोरी बांध रहा था .... उस समय कुहरा था ... हा हा . बेहतरीन रचना प्रस्तुति के लिए आभार.
ha ha ....achchaa hai building love badhegaa girengi to sath sath
वाह-वाह। वाह-वाह। हंसी थम ही नहीं रही है।
ई तो बिना फ़ौंडेसन के है जी :)
हा हा हा ! मजेदार !
आज से हम भी दूसरों के राशिफल देखने लगते हैं।
वैसे अपना तो कभी देखा नहीं।
हा हा हा शुभकामनायें
गुरू मान गए। क्या बात निकालकर लाएं हैं। इसको कहते हैं कुछ नया कर गुजर जाना।
बिल्डिंग रिलेशनशिप्स बहुत खुब. मजेदार जी
बहुत मजेदार.....
राखी के धागों से बढ़िया रेलेशलशिप बनाया है!
लाल धागा ... येन बद्धो बलीराजा दानेन्द्रो महाबला ........
हा हा! मजेदार रिलेशनशिप
वाहृ-वाह
बढ़िया है अनोखा है
बहुत ही नायाब
संबंध बांघने का तरीका है...
bahut badiya...khushi hui padh kar :)
hahaha........bahut mazedar.
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