लेखन का कतई मूड तो नहीं था, किन्तु कल के अपने ब्लॉग पर दिए एक सुझाव पर प्राप्त टिप्पणियों से यह जानकर प्रसन्नता हुई कि हमारे अधिकाँश शीर्षस्थ ब्लॉगर मित्रो ने आंग्लभाषा को हिन्दी भाषा के एक पूरक के रूप में अपनी मान्यता दे दी है ! अत: मुझे भी एक खुरापात सूझ गई ! लीजिये अब आप ही झेलिये ;
आज अखबार में खुद का राशि भविष्यफल पढ़कर, खून बढ़ गया एक औंस !
चूँकि लिखा था, देयर इज अ पोसिबिलिटी ऑफ़ गेटिंग अ पोजेटिव रेस्पोंस...... !!
भविष्यफल को पढ़ते-पढ़ते अचानक अति उत्साहित हो गया था मै भी !
मुझे ख़याल नहीं रहा कि माय वाइफ इज आल्सो सिटिंग इन फ्रंट आफ मी....!!
तब ऊँचे स्वर में पढ़े गए भविष्यफल को सुनकर, तन गए उसके आइ ब्रू !
जब सुना उसने कि, अ पेंडिंग रिलेसनशिप डील विद यौर गर्ल फ्रेंड कुड कम थ्रू...!!
मगर आखिर में यह सुनकर, हंस पडी मुझ पर जोर से सामने बैठी स्त्रीलिंग !
जब पढ़ा मैने कि मिक्सिंग गर्ल फ्रेंड विद फेमली टाइम विल स्पोयेल ऐवरीथिंग.....!!
Tuesday, January 5, 2010
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19 comments:
बढ़िया घालमेल किया है ...अग्रेजी और हिन्दी का.:)
अच्छा प्रयोग किया है हिन्दी और अंग्रेजी के मेल का!
अंग्रेजी और हिंदी के शब्दों का अच्छा तालमेल
वाह! बहुत बढ़िया.... nice experiment....
वाह गजब का आईडिया आया आपको.
रामराम.
भविष्य फ़ल आगे भी जारी रहे।:)
बहुत खूब!
बेहतरीन...आखिर में तो स्पॉयल होना ही था.. :)
’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
शानदार।
मिक्सिंग गर्ल फ्रेंड विद फेमली टाइम विल स्पोयेल ऐवरीथिंग.....!!
क्यों जी, समझ गए ना।
अब ज़रा संभल के। हा हा हा !
:) हा हा हा......
अरे वाह...!
आप तो नजूमी भी बन गये!
कविता और ज्योतिष?
बहुत खूब!
अब तो ब्लागजगत भी बहुभाषी बनने की खबर है :)
लगे रहिए॥
जेसे विदेशी दुलहन देशी साडी मै दिखेगी, वेसा ही मजा आया आज आप का लेख पढ कर
राशिफल तो बहुत बढ़िया था..बस लास्ट वाली लाइन को नज़रअंदाज कर दे तो...हा हा मजेदार बहुत बढ़िया गोदियाल जी!!
वाह क्या मिक्स है !
RASHIPHAL SE BACHKAR RAHIYEGA .........AMAL MEIN MAT LAIYEGA..........HAHAHAHA
बहुत अच्छे गौदियाल जी ....... इस हिंडलश को पढ़ कर मज़ा आ गया .........
Aeisi kavita or aeise shabd to light mood main hi nikalte hai. WELCOME TO BACK..GODIYAL JI...
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