चौक-चौराहों पे लटका दिया तेरे बुत को,
बनाके कुटिल राजनीतिक विपणन की ढाल !
एक बार आकर तो देख साबरमती के संत,
कि यहाँ तेरे ये भक्त, कर रहे क्या कमाल !!
थोक और फुटकर दोनों में खूब कमा रहे है,
गली-गली में खोल तेरे खादी की दुकान !
पांचो उंगलिया इनकी घी में, सर कडाई में,
करदाता के पैसो का खूब कर रहे फुकान !!
बनाके कुटिल राजनीतिक विपणन की ढाल !
एक बार आकर तो देख साबरमती के संत,
कि यहाँ तेरे ये भक्त, कर रहे क्या कमाल !!
थोक और फुटकर दोनों में खूब कमा रहे है,
गली-गली में खोल तेरे खादी की दुकान !
पांचो उंगलिया इनकी घी में, सर कडाई में,
करदाता के पैसो का खूब कर रहे फुकान !!
लालू, माया, अमर-मुलायम, राजा -रंक ,
चल पड़े सब रोडपति से करोड़पति की चाल !
एक बार आकर तो देख साबरमती के संत,
कि यहाँ तेरे ये भक्त कर रहे क्या कमाल !!
सादगी के नाम पर पिछले साठ-बासठ सालो में,
इन्होने यहाँ अपने लिए क्या-क्या नहीं है जोड़ा !
तोपे हजम कर ली, शहीदों के कफ़न खा गए,
और तो और पशुओ का चारा भी नहीं छोडा !!
इनकी बदौलत बनकर चले गए यहाँ से रातोरात,
पता नहीं कितने क्वात्रोक्की होकर माला-माल !
एक बार आकर तो देख साबरमती के संत,
कि यहाँ तेरे ये भक्त, कर रहे क्या कमाल !!
12 comments:
भक्त यहाँ गजब का कमाल कर रहे है , धोती को फाड़कर रुमाल कर रहे है
दो अक्टूबर के दिन शास्त्री जी की भी जयंती होती है,कितने जानते है ??
भारत माता के सच्चे 'लाल', लाल बहादुर शास्त्री जी को मेरा शत शत नमन !
मिश्रा जी एकदम सही कहा आपने, हम लोग उन्हें इसलिए भूल जाते है कि बेचारे एक सरीफ इन्सान थे और आजके युग में सरीफो को कौन पूछता है !, खैर मेरी भी उनको शर्धाजली !
बहुत ही लाजवाब रचना। शानदार व सशक्त लेखन। बहुत-बहुत बधाई
बहुत सुंदर कविता, कमाल कर दिया आप ने.धन्यवाद
बिलेटेड पर धमाके दार कविता बापू को समर्पित..
बहुत सुंदर धन्यवाद!!!
सादगी के नाम पर पिछले साठ-बासठ सालो में,
इन्होने यहाँ अपने लिए क्या-क्या नहीं है जोड़ा !
तोपे हजम कर ली, शहीदों के कफ़न खा गए,
और तो और पशुओ का चारा भी नहीं छोडा !!
वाह...!
क्या खुलकर लपेटा है।
गजब का कमाल है।
बिलेटेड हैप्पी बर्थडे बापू !
"मिड डे मील ....... पढ़ाई-लिखाई सब साढ़े बाइस !!"
godiyaal ji
namaskaar ;
aapki is kavita ke baare me main kya kahun .. aaj ki vyavastha ki khoob khilli udhayi hai ..
ise kahin print me dijiyenga ..
meri badhai sweekar kare..
dhanywad
vijay
www.poemofvijay.blogspot.com
तोपे हजम कर ली, शहीदों के कफ़न खा गए,
और तो और पशुओ का चारा भी नहीं छोडा ....
sahi kaha .. baapoo ke naam par ... abhi kya kya hona baaki hai ... sach likha hai
मनाया तो हमने भी हैप्पी बर्थ डे कुछ इस तरह
बहुत सुन्दर रचना । आभार
ढेर सारी शुभकामनायें.
SANJAY
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
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