प्यार जताने की चाह
जब हमारे दिल में आई,
अगले ही वेलेंटाईन-डे पर,
भेज दिया एक बड़ा सा,
गोभी का फूल उनके घर,
उसी शाम किसी ने फिर
मेरा दर खटखटाया था,
संदेशवाहक के मार्फत,
उनका जबाब आया था,
चंद शब्दों में लिखा था;
मधुर-सुहानी इस भोर पर,
जरूरी सारे काम छोड़कर,
इतना तकल्लुफ क्यों उठाया,
एसएम्एस में ही खा लेते गोते,
अगर खर्चा कर ही लिया था,
तो मूर्ख! दो चार आलू भी
जब हमारे दिल में आई,
हमने जोर की ली अंगड़ाई ,
क्रान्तिकारी योजना बनाई, अगले ही वेलेंटाईन-डे पर,
भेज दिया एक बड़ा सा,
गोभी का फूल उनके घर,
उसी शाम किसी ने फिर
मेरा दर खटखटाया था,
संदेशवाहक के मार्फत,
उनका जबाब आया था,
चंद शब्दों में लिखा था;
मधुर-सुहानी इस भोर पर,
जरूरी सारे काम छोड़कर,
इतना तकल्लुफ क्यों उठाया,
एसएम्एस में ही खा लेते गोते,
अगर खर्चा कर ही लिया था,
तो मूर्ख! दो चार आलू भी
साथ में भेज दिए होते !!