tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post8130153216144494944..comments2023-08-26T20:59:56.302+05:30Comments on My lyrics ( अंधड़ से संग्रहित काव्य ): क्या ज़माना आ गया है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-85728531425251257552010-03-29T17:17:43.098+05:302010-03-29T17:17:43.098+05:30जो मिला था मुक्कदर से,जिन्दगी को वह न कभी रास आया,...जो मिला था मुक्कदर से,<br>जिन्दगी को वह न कभी रास आया,<br>मुस्कुराकर तुम कर दो विदा,<br>क्योंकि अब मेरा ठिकाना आ गया है !!<br><br><br><br>इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....संजय भास्करhttp://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com