tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post7389887608538721284..comments2023-08-26T20:59:56.302+05:30Comments on My lyrics ( अंधड़ से संग्रहित काव्य ): सांख्यिकी और संभाव्यता !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-87352428926934250602009-11-28T17:47:50.084+05:302009-11-28T17:47:50.084+05:30"तुम्हारे पैरो केतलवों की सरगमऔर तुम्हारे नुप...<b>"तुम्हारे पैरो के<br>तलवों की सरगम<br>और तुम्हारे नुपुर की<br>मणियों की धड़कन से,<br>दिल की गहराइयों में<br>छुपे मेरे भावो को ,<br>गूढ़ शब्द-रूपी काव्यता मिली है!"</b><br><br>अपने ज़ज़्बात में नगमात रचाने के लिये<br>मैंने धड़कन की तरह दिल में बसाया है तुझे<br>मैं तसव्वुर भी ज़ुदाई का भला कैसे करूँ<br>मैंने किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझेजी.के. अवधियाhttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-4548395283195135522009-11-28T18:01:29.718+05:302009-11-28T18:01:29.718+05:30वाह, गोदियाल साहब, कहाँ-कहाँ से कविता निकाल लाते ह...वाह, गोदियाल साहब, कहाँ-कहाँ से कविता निकाल लाते हैं..और पैनापन उसी तरह..वाओ...ग्रेट..!श्रीश पाठक 'प्रखर'http://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-84342103300020097972009-11-28T18:07:37.617+05:302009-11-28T18:07:37.617+05:30धूल साफ़ करते वक्त,अचानक मिले इकफूल की गणना से ,मु...धूल साफ़ करते वक्त,<br>अचानक मिले इक<br>फूल की गणना से ,<br>मुझे अपनी<br>सांख्यिकी की किताब में<br>आज यह प्रबल संभाव्यता मिली है ....<br><br>SANKHYIKI KA LAJAWAAB PRAYOG HAI ... PYAAR KI ABHIVYAKTI KAMAAL KI HAI ....दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-16027271962685349582009-11-28T18:11:16.707+05:302009-11-28T18:11:16.707+05:30अनोखी अभिव्यक्ति के साथ ...बहुत ही सुंदर कविता...अनोखी अभिव्यक्ति के साथ ...बहुत ही सुंदर कविता...महफूज़ अलीhttp://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-36190101576541815302009-11-28T18:37:59.678+05:302009-11-28T18:37:59.678+05:30बहुत अनूठी और रोमांटिक रचना। वाह!बहुत अनूठी और रोमांटिक रचना। <br>वाह!डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-12209445956644329962009-11-28T18:57:55.902+05:302009-11-28T18:57:55.902+05:30धूल साफ़ करते वक्त,अचानक मिले इकफूल की गणना से ,मु...धूल साफ़ करते वक्त,<br>अचानक मिले इक<br>फूल की गणना से ,<br>मुझे अपनी<br>सांख्यिकी की किताब में<br>आज यह प्रबल संभाव्यता मिली है ....<br>वाह क्या रचना पेश की हैथुत सुन्दर बधाईनिर्मला कपिलाhttp://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-37363918021266559052009-11-28T19:51:17.417+05:302009-11-28T19:51:17.417+05:30सुंदर रचना !!सुंदर रचना !!संगीता पुरीhttp://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-56334139680571921982009-11-28T20:02:59.829+05:302009-11-28T20:02:59.829+05:30ठुमकते हुए चलते,तुम्हारे पैरो केतलवों की सरगम और त...ठुमकते हुए चलते,<br>तुम्हारे पैरो के<br>तलवों की सरगम और तुम्हारे नुपुर की<br>मणियों की धड़कन से,<br>दिल की गहराइयों में<br>छुपे मेरे भावो को ,<br>गूढ़ शब्द-रूपी काव्यता मिली है<br><br>behad sundar shabd vinyaas.वन्दनाhttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-34375218577443132032009-11-28T20:20:12.845+05:302009-11-28T20:20:12.845+05:30जोरदार है , धारदार हैजोरदार है , धारदार हैअजय कुमारhttp://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-74336322548825783862009-11-28T20:36:59.795+05:302009-11-28T20:36:59.795+05:30"उग रहा है दर-ओ-दीवार पे सब्जा गालिब्।हम बयां..."उग रहा है दर-ओ-दीवार पे सब्जा गालिब्।<br>हम बयांबा मे हैं और घर मे बहार आई है"<br>क्या बात है?गोदियाल साब जख्म हरे हो रहे हैं।ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-1186328326466007942009-11-28T21:29:49.689+05:302009-11-28T21:29:49.689+05:30अचानक मिले इकफूल की गणना से ,मुझे अपनीसांख्यिकी की...अचानक मिले इक<br>फूल की गणना से ,<br>मुझे अपनी<br>सांख्यिकी की किताब में<br>आज यह प्रबल संभाव्यता मिली है !<br><br>इस उपलब्धि के लिए बधाई स्वीकार करें!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंकhttp://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-51244092228715285802009-11-29T12:56:43.316+05:302009-11-29T12:56:43.316+05:30बहुत ही सुंदर भाव लिये है आप की यह कविता. धन्यवादबहुत ही सुंदर भाव लिये है आप की यह कविता. धन्यवादराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-84502823895322631662010-03-31T12:28:11.297+05:302010-03-31T12:28:11.297+05:30बहुत ही सुंदर भाव लिये है आप की यह कविता. धन्यवादबहुत ही सुंदर भाव लिये है आप की यह कविता. धन्यवादसंजय भास्करhttp://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-1115107027462652352010-03-31T12:28:11.296+05:302010-03-31T12:28:11.296+05:30अनोखी अभिव्यक्ति के साथ ...बहुत ही सुंदर कविता...अनोखी अभिव्यक्ति के साथ ...बहुत ही सुंदर कविता...संजय भास्करhttp://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com