tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post3372275475445865004..comments2023-08-26T20:59:56.302+05:30Comments on My lyrics ( अंधड़ से संग्रहित काव्य ): एक देश के अन्दर, कई देश हैं !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-5950818251987690522010-01-21T16:32:40.590+05:302010-01-21T16:32:40.590+05:30भाषाओं व राज्यों से आगे बढ़कर सोच बदलनी होगी अगर भ...भाषाओं व राज्यों से आगे बढ़कर सोच बदलनी होगी अगर भारतीय बनना है तोकाजल कुमार Kajal Kumarhttp://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-13710547157688139532010-01-21T16:34:47.420+05:302010-01-21T16:34:47.420+05:30क्योंकि यहाँ आज कलकिन्नरों का राज है ॥बाबर को य...क्योंकि यहाँ आज कल<br>किन्नरों का राज है ॥<br>बाबर को ये सर नवायें<br>पृथ्वी नज़र अंदाज़ है....L.R.Gandhihttp://www.blogger.com/profile/00227090318128258228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-14597381260018523072010-01-21T18:09:45.531+05:302010-01-21T18:09:45.531+05:30बिके हुए यहाँ सब,खादी, सफ़ेद और उजले परिवेश हैं !इ...<b>बिके हुए यहाँ सब,<br>खादी, सफ़ेद और उजले परिवेश हैं !<br>इसीलिये आज भी ,<br>इस एक देश के अन्दर, कई देश हैं !!</b><br><br>बहुत जबरदस्त गोदियाल जी, शुभकामनाएं.<br><br>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttp://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-52742359665743865082010-01-21T18:18:12.662+05:302010-01-21T18:18:12.662+05:30बहुत सही कहा है इश देश में कई देश है !!!बहुत सही कहा है इश देश में कई देश है !!!Murari Pareekhttp://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-9514810453813970152010-01-21T18:20:44.832+05:302010-01-21T18:20:44.832+05:30एक देश में असल में भी कई देश हैं। आपकी बात बिल्कुल...एक देश में असल में भी कई देश हैं। आपकी बात बिल्कुल सही है।Kulwant Happyhttp://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-27247824866571178102010-01-21T19:03:15.914+05:302010-01-21T19:03:15.914+05:30यथार्थ उजागर कर दिया इस रचना से...बहुत बढ़िया.यथार्थ उजागर कर दिया इस रचना से...बहुत बढ़िया.Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-66902368227846183912010-01-21T20:13:58.284+05:302010-01-21T20:13:58.284+05:30इस एक देश के अन्दर, कई देश हैं !!जी हाँ, रोज़ एक न...इस एक देश के अन्दर, कई देश हैं !!<br>जी हाँ, रोज़ एक नया समाचार आ रहा है।डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-87215277395856310592010-01-21T20:34:06.511+05:302010-01-21T20:34:06.511+05:30बिलकुल सही फरमा रहे है आप ? आज स्थितियां ऐसी ही बन...बिलकुल सही फरमा रहे है आप ? आज स्थितियां ऐसी ही बन रही हैंमहेन्द्र मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-5204209869783113012010-01-21T21:25:11.750+05:302010-01-21T21:25:11.750+05:30मेहनत से संजो के रखे अपने,मुग़ल-अंग्रेज आंकाओ के अव...मेहनत से संजो के रखे अपने,<br>मुग़ल-अंग्रेज आंकाओ के अवशेष हैं !<br>इसीलिये आज भी ,<br>इस एक देश के अन्दर, कई देश हैं !!<br>आप की रचना के एक एक शब्द से सहमत हुं, बहुत सुंदर<br>धन्यवादराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-1668517437708845742010-01-22T09:44:57.565+05:302010-01-22T09:44:57.565+05:30देश-प्रेम की भावना रह गई,विविधता में एकता के नारे ...देश-प्रेम की भावना रह गई,<br>विविधता में एकता के नारे तक !!<br>Vah...vah bahi....<br>Desh anek aur nara ek hai.<br>is desh me vividhta me ekta hai.Shashidharhttp://www.blogger.com/profile/15925582544236332409noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-42185923974175435342010-01-22T15:03:40.469+05:302010-01-22T15:03:40.469+05:30SACH KAHA HAI .... HAM LOGON KO APNI SOCH BADALNI ...SACH KAHA HAI .... HAM LOGON KO APNI SOCH BADALNI HOGI NAHI TO AAPKI RACHNA SACH HO JAAYEGI ... <br><br>BAHUT DARD BHARI RACHNA HAI ... DESH MEIN BADLAAV JAROORI HAI AB ....दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-29182885463538207712010-01-22T16:19:48.591+05:302010-01-22T16:19:48.591+05:30देश-संस्कृति सिमट गई,दूर-दराज किसी गाँव के द्वारे ...देश-संस्कृति सिमट गई,<br>दूर-दराज किसी गाँव के द्वारे तक !<br>देश-प्रेम की भावना रह गई,<br>विविधता में एकता के नारे तक !!<br><br>वर्तमान परिवेश का सुन्दर चित्रण!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंकhttp://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-17566007794778975882010-01-23T11:18:08.070+05:302010-01-23T11:18:08.070+05:30क्या ही सुन्दर यथार्थ उकेरा है आपने....अनेकता में ...क्या ही सुन्दर यथार्थ उकेरा है आपने....अनेकता में एकता यही हमारी पहचान भी है.........मगर कभी कभी यही टीस भी दे जाती है.....singhsdmhttp://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.com