tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post3341492803400692066..comments2023-08-26T20:59:56.302+05:30Comments on My lyrics ( अंधड़ से संग्रहित काव्य ): पसंद अपनी-अपनी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-71284119980917759452010-01-20T18:16:29.828+05:302010-01-20T18:16:29.828+05:30हमें आशियाने पर अपने बिठा कर,किचन में तली पकोड़ी जब...हमें आशियाने पर अपने बिठा कर,<br>किचन में तली पकोड़ी जब उन्होंने ,<br>सिलबट्टे पे पोदीना-चटनी को पीसते,<br>मधुर गीत गुनगुनाना भी पसंद आया !<br><br>प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको,<br>गरमागरम चाय संग चटनी-पकोड़ी,<br>थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,<br>उनका वो पल्लू हिलाना भी पसंद आया <br><br><br><b>आज तो गुरु कहर ढा दिया<br>बसंत पंचमी की शुभकामनाएं</b>ललित शर्माhttp://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-73522054883477192152010-01-20T18:18:44.166+05:302010-01-20T18:18:44.166+05:30"बनावटी मुस्कान चेहरे पे ओढ़कर ,दर्द, दिल में..."बनावटी मुस्कान चेहरे पे ओढ़कर ,<br>दर्द, दिल में छुपाना भी पसंद आया !"<br><br>वाह!<br><br>तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिसको छुपा रहे हो ..जी.के. अवधियाhttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-66782317161944371462010-01-20T18:51:06.371+05:302010-01-20T18:51:06.371+05:30बनावटी मुस्कान चेहरे पे ओढ़कर ,दर्द, दिल में छुपान...बनावटी मुस्कान चेहरे पे ओढ़कर ,<br>दर्द, दिल में छुपाना भी पसंद आया !<br><br>बहुत खूब गोदियाल साहब। वाह।<br><br>हाथ मिलते रहे बेरूखी आँख में<br>वो मशीनों सा बस मुस्कुराते रहे<br><br>सादर <br>श्यामल सुमन<br>09955373288<br>www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttp://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-4657468013862587072010-01-20T19:17:03.754+05:302010-01-20T19:17:03.754+05:30प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको,गरमागरम चाय संग चट...प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको,<br>गरमागरम चाय संग चटनी-पकोड़ी,<br>थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,<br>उनका वो पल्लू हिलाना भी पसंद आया <br><br>क्या दृश्य खैंचा है ........ मक्खियाँ उड़ाने का क्या अंदाज़ है ...... आपका ये अंदाज़ भी बहुत भाया ..........दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-36899204530424576542010-01-20T20:55:09.880+05:302010-01-20T20:55:09.880+05:30वाह! आज कि यह कविता तो बहुत ही अच्छी लगी.....वाह! आज कि यह कविता तो बहुत ही अच्छी लगी.....महफूज़ अलीhttp://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-56336367694141659712010-01-20T20:58:38.152+05:302010-01-20T20:58:38.152+05:30वाह गोदियाल जी। प्यारी भी, रोमांटिक भी और गुदगुदात...वाह गोदियाल जी। प्यारी भी, रोमांटिक भी और गुदगुदाती भी। बढ़िया रचना।डॉ टी एस दरालhttp://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-59541171880601396782010-01-20T21:33:00.521+05:302010-01-20T21:33:00.521+05:30आपको वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन की शुभकामनाये !आपको वसंत पंचमी और सरस्वती पूजन की शुभकामनाये !मनोज कुमारhttp://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-86750635930366845782010-01-20T21:49:39.552+05:302010-01-20T21:49:39.552+05:30प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको,गरमागरम चाय संग चट...प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको,<br>गरमागरम चाय संग चटनी-पकोड़ी,<br>थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,<br>उनका वो पल्लू हिलाना भी पसंद आया ! <br>बहुत बहुत खुब सुरत, मकखियां भी ना जाने क्यो ऎन वक्त पर ही आ मरती है,<br>बसंत पंचमी की शुभकामनाएंराज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-39552496483629279652010-01-20T21:55:32.811+05:302010-01-20T21:55:32.811+05:30वाह्! आनन्द आ गया । बेहद कमाल की कविता.....मदनोत्स...वाह्! आनन्द आ गया । बेहद कमाल की कविता.....<br>मदनोत्सव की शुभकामनाऎँ!!!पं.डी.के.शर्मा"वत्स"http://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-15545656459486634492010-01-20T22:27:35.249+05:302010-01-20T22:27:35.249+05:30थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,उनका वो पल्लू हिलाना...थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,<br>उनका वो पल्लू हिलाना भी पसंद आया <br><br>हा हा!! ये तो है ही पसंद आने वाली बात!!<br><br>बहुत खूब!Udan Tashtarihttp://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-22524852573236381362010-01-20T23:16:06.873+05:302010-01-20T23:16:06.873+05:30आपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा ...आपको और आपके परिवार को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनायें!<br>बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने!Bablihttp://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-25890127451281864292010-01-21T00:27:52.945+05:302010-01-21T00:27:52.945+05:30प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको,गरमागरम चाय संग चट...प्यार से परोसी जब उन्होंने हमको,<br>गरमागरम चाय संग चटनी-पकोड़ी,<br>थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,<br>उनका वो पल्लू हिलाना भी पसंद आया ! <br><br>accha !! to aap ye sab bhi gaur farmaatey hain..??<br>pasand aayaa...:):)'अदा'http://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-7372453300164549622010-01-21T09:59:34.765+05:302010-01-21T09:59:34.765+05:30Hasya bhi, kavita bhi, Adbhud Rachna hai....Hasya bhi, kavita bhi, Adbhud Rachna hai....Shashidharhttp://www.blogger.com/profile/15925582544236332409noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-7734352182236737442010-01-21T10:58:26.737+05:302010-01-21T10:58:26.737+05:30थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,उनका वो पल्लू हिलाना...<b>थाली के ऊपर से मक्खी भगाने को,<br>उनका वो पल्लू हिलाना भी पसंद आया </b><br><br>वाह लाजवाब कहा गोदियाल जी. आनंद आया.<br><br>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttp://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-33292944252088414362010-01-21T11:46:26.512+05:302010-01-21T11:46:26.512+05:30ye hote hain kavi ka bhav jo na jane kahan kahan s...ye hote hain kavi ka bhav jo na jane kahan kahan se nikal aate hain .......pallu se bhi makkhi udana , ye bhav to ek kavi hi khoj sakta hai ...........badhayi.वन्दनाhttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-73844179206006117592010-01-21T12:22:16.308+05:302010-01-21T12:22:16.308+05:30वाह ! बहुत खूब ज़नाब ! सोचने से ही, होठों पर मुस्का...वाह ! बहुत खूब ज़नाब ! सोचने से ही, होठों पर मुस्कान चली आती है.dipayanhttp://www.blogger.com/profile/07385176375960362837noreply@blogger.com