tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post2954928882962498163..comments2023-08-26T20:59:56.302+05:30Comments on My lyrics ( अंधड़ से संग्रहित काव्य ): इस देश में इतने गद्दार क्यों है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"http://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-21651780115457817272010-04-25T18:23:01.986+05:302010-04-25T18:23:01.986+05:30पृथ्वीराज आते मितव्ययता बरतकर,मगर ये जैचंद आते हर ...पृथ्वीराज आते मितव्ययता बरतकर,<br>मगर ये जैचंद आते हर बार क्यों है !बहुत शानदार. जयचंदों की तो भरमार है.वन्दना अवस्थी दुबेhttp://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-88601699468573758852010-04-25T18:26:24.706+05:302010-04-25T18:26:24.706+05:30bahut shandar likha ..jhakjhor ke rakh dene wali k...bahut shandar likha ..jhakjhor ke rakh dene wali kavita....दिलीपhttp://www.blogger.com/profile/15304203780968402944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-6500084351822766272010-04-25T18:29:28.909+05:302010-04-25T18:29:28.909+05:30bahut khoob............achcha likha hai aaj ke jai...bahut khoob............achcha likha hai aaj ke jaichandon par.वन्दनाhttp://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-63865277073108912782010-04-25T18:33:15.064+05:302010-04-25T18:33:15.064+05:30"मगरमच्छ तो हाथी का मल खा गए,परिंदे की बीट पर..."मगरमच्छ तो हाथी का मल खा गए,<br>परिंदे की बीट पर होती तकरार क्यों है!"<br><br>बहुत खूब!जी.के. अवधियाhttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-19651356854183178512010-04-25T18:39:19.510+05:302010-04-25T18:39:19.510+05:30हर शाख पे गद्दार बेठा है अंजामे हिंदोस्तां क्या हो...हर शाख पे गद्दार बेठा है <br>अंजामे हिंदोस्तां क्या होगाYugal Mehrahttp://www.blogger.com/profile/07262836865022038577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-45572908219533953912010-04-25T19:08:15.345+05:302010-04-25T19:08:15.345+05:30बहुत शानदार....बहुत शानदार....महेन्द्र मिश्रhttp://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-73163955720094586922010-04-25T19:41:47.089+05:302010-04-25T19:41:47.089+05:30तेरे इस देश में इतने गद्दार क्यों है !और फिर जयचन्...तेरे इस देश में इतने गद्दार क्यों है !<br>और फिर जयचन्दों को आना कहाँ होता है<br>यहाँ तो उन्हीं की सरकार हैM VERMAhttp://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-84909876185533533812010-04-25T20:07:11.509+05:302010-04-25T20:07:11.509+05:30कुनैन की गोलियाँ ठूँस रहे हैँ आप, गोदियाल साहब। आश...कुनैन की गोलियाँ ठूँस रहे हैँ आप, गोदियाल साहब। आशा है दुनियाँ की बीमारियाँ कुछ तो ठीक हो...knkayasthahttp://www.blogger.com/profile/14312648658352009451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-46838174761131007282010-04-25T20:12:42.019+05:302010-04-25T20:12:42.019+05:30बहुत खूब!!बहुत बढिया रचना है.....बधाई।बहुत खूब!!बहुत बढिया रचना है.....बधाई।परमजीत सिँह बालीhttp://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-82785712524212425922010-04-25T20:37:00.693+05:302010-04-25T20:37:00.693+05:30हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।संजय भास्करhttp://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-31479778218779197172010-04-25T21:16:25.875+05:302010-04-25T21:16:25.875+05:30आशाओं - उम्मीदों पे जो खरी न उतरे,ताजो-तख़्त पे बैठ...आशाओं - उम्मीदों पे जो खरी न उतरे,<br>ताजो-तख़्त पे बैठी वो सरकार क्यों है ! <br>अरे यह बेशर्मो की सरकार है जी, जो शरम कब की बेच कर खा गये, लेकिन आज भी अपने को नकली दुध का धुला कहते है.... लेकिन जनता क्यो फ़िर से इन को ही जीताती है????राज भाटिय़ाhttp://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-917429601994246972010-04-25T22:54:10.650+05:302010-04-25T22:54:10.650+05:30बहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.रामराम.बहुत लाजवाब, शुभकामनाएं.<br><br>रामराम.ताऊ रामपुरियाhttp://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-62525779668878836892010-04-25T22:57:19.417+05:302010-04-25T22:57:19.417+05:30तल्खी का जबरदस्त इज़हार ! खुदा खैर करे !तल्खी का जबरदस्त इज़हार ! खुदा खैर करे !सतीश सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-91237378398081701722010-04-26T09:48:25.053+05:302010-04-26T09:48:25.053+05:30गोंदियल जी मैं हमेशा कविताओं और शेरो शायरी के बाउं...गोंदियल जी मैं हमेशा कविताओं और शेरो शायरी के बाउंसरों को डक कर देता हूँ पर आपकी ये वाली कविता तो मेरे भेजे में भी बड़ी आसानी से धंस गयी । असल में ये बहुत पैनी लगी मझे तो । मजा आया इसलिए मेरी उपस्थिति दर्ज करें। जय हिंद।VICHAAR SHOONYAhttp://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-36543043630751934432010-04-26T10:08:09.026+05:302010-04-26T10:08:09.026+05:30आपको रचना पसंद आई इसके लिए आपका तहेदिल से आभारी हू...आपको रचना पसंद आई इसके लिए आपका तहेदिल से आभारी हूँ, 'विचार शून्य' जी , जानकार अच्छा लगा, बस यों समझिये की मन की भड़ास इसी तरह निकाल लेता हूँ ! आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है !पी.सी.गोदियालhttp://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-75258495273596782142010-04-26T10:08:09.025+05:302010-04-26T10:08:09.025+05:30ek baar fir behtarin rachan sahabek baar fir behtarin rachan sahabSANJEEV RANAhttp://www.blogger.com/profile/02649434617771451883noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-51467121985849146362010-04-26T11:56:14.289+05:302010-04-26T11:56:14.289+05:30तलवे चाटना प्रदेशियों के पेशा है जिनका,बताते वो अप...तलवे चाटना प्रदेशियों के पेशा है जिनका,<br>बताते वो अपने को खुद्दार क्यों है !<br>आशाओं - उम्मीदों पे जो खरी न उतरे,<br>ताजो-तख़्त पे बैठी वो सरकार क्यों है ! <br><br>...और क्या...! बहुत सही कहा आपने. रचना बेहतरीन है. यह तेवर कायम रहे.सुलभ § Sulabhhttp://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-31693375919916746852010-04-26T12:03:02.253+05:302010-04-26T12:03:02.253+05:30गौदियाल जी ... बस इतना ही कहूँगा ...लिखने वाले तो ...गौदियाल जी ... बस इतना ही कहूँगा ...<br><br>लिखने वाले तो बहुत हैं दुनिया में पर <br>आपकी कलम की तेज इतनी धार क्यों हैदिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-73432527106013289422010-04-26T12:07:07.447+05:302010-04-26T12:07:07.447+05:30आशाओं - उम्मीदों पे जो खरी न उतरे,ताजो-तख़्त पे बै...आशाओं - उम्मीदों पे जो खरी न उतरे,<br>ताजो-तख़्त पे बैठी वो सरकार क्यों है !<br><br>कविता का हर बन्द लाजवाब है!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंकhttp://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-32053045954490054232010-04-26T12:18:30.315+05:302010-04-26T12:18:30.315+05:30आज आदमी कि सोच इतनी बीमार क्यों है?बदलना है तो आज ...आज आदमी कि सोच इतनी बीमार क्यों है?<br><br>बदलना है तो आज क्यों नहीं,<br><br>ये खामख्वाह ही कल का इंतज़ार क्यों है?<br><br>चुकती कर दी सबकी देनदारी फिर भी,<br><br>अपने प्रति बाकी ये उधार क्यों है?<br><br><br><br>कुंवर जी,kunwarji'shttp://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-9326491549072351342010-04-26T17:54:26.220+05:302010-04-26T17:54:26.220+05:30Lataadti, dutkaarti aur itihaas yaad dilati is oz ...Lataadti, dutkaarti aur itihaas yaad dilati is oz bhari rachna ke rachnakar ko salaam.दीपक 'मशाल'http://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1554908954553593811.post-36876980821202666692010-04-27T17:53:08.982+05:302010-04-27T17:53:08.982+05:30बहुत सही प्रश्न है .. पर प्रश्नों का उत्तर देना...बहुत सही प्रश्न है .. पर प्रश्नों का उत्तर देना कठिन है !!संगीता पुरीhttp://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.com